ये खबर दोस्तों

ये खबर दोस्तों













1. हिन्दी गजल  (    सबको मालूम है ये खबर दोस्तों  :-



सबको मालूम है ये खबर दोस्तों

फूल की कितनी होती उमर दोस्तों |


पेट की आग जिसके हृदय में पले 

उसकी होती नहीं है सहर दोस्तों |


चोट जब भी मोहब्बत की दिल साटती

सूझती तब नहीं है डगर दोस्तों |


कितनी हिम्मत से गहरे अँधेरे में भी

तनहा काटा है मैने सफर दोस्तों |


होता ' कोमल ' जमाने मे तुलसी वही

जिसपे होती है उसकी नजर दोस्तों |




2. हिन्दी गजल ( कितना भटका हूँ मैं रोशनी के लिये  ) :-



तुझको मागा है मैंने खुशी के लिये

कितना भटका हूँ मैं रोशनी के लिये |


दौलते-हुस्न जिसको खुदा से मिली

वह न मोहताज है फिर किसी के लिये |


तेरा हर अंग है प्रेरणा का हिरन

इतना विश्वास कर जिन्दगी के लिये |


खुद न अपने मुकद्दर को रोये कभी

दर्द पिघला है तो बस उसी के लिये |


थोड़ी नफरत , बुराई औ दिल में भरम

इतना काफी नहीं दुश्मनी के लिये |


सिर्फ आँसू , उदासी औ यादें हैं

दुःख ही दुःख है यहाँ आदमी के लिये |


प्यार से प्यार ' कोमल ' है झुकता सदा

इससे बढ़कर है क्या दोस्ती के लिये |




रचनाकार :- कोमल शास्त्री




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